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दिसंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सपनों की उड़ान- भाग 11/Sapno ki udaan hindi story

सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 11) में आपका स्वागत है! बाहर लगे पेड़ अभी तक बरस रहे थे!नमी ग्रस्त हवा ऐसे चल रही थी,जैसे कश्मीर से होकर आ रही हो !! कुछ समय  बाद, शिखा एक लोहे की रॉड और साथ में कुछ उपले लेकर आती है! नंदू के पास रखती हुई, ये लीजिए आग कम हो गया है, इसे डालकर तेज कीजिए!नंदू अपना सिर नीचे किए हुए बोलता है ठीक है,  नंदू का शर्मीला स्वभाव देखकर, शिखा हंसती हुई चली जाती है! और मन ही मन सोचती है, शर्माना तो हमें चाहिए लेकिन यह तो बिल्कुल उल्टा हो रहा है! नंदू ,अग्नि देव को जैसे ही खोराक बढ़ाता है, वैसे ही अग्निदेव अपने पूरे शक्ति के साथ, यौवन का रूप धारण कर लेते हैं! और नंदू के कपड़े से नमी को सोख लेते हैं! नंदू  कपड़ा बदल कर सोचता है, अब अपने क्वार्टर पे चलना चाहिए!लेकिन कठोर निर्णय लेने से पहले, उसकी चेतना एक बार शिखा से अनुमति लेने का सलाह मांगता है!यही सोचकर वह फिर अपना हाथ सेकने लगता है, और शिखा का  इंतजार करने लगता है! लेकिन शिखा खाना बनाने में इतनी व्यस्त थी, की इधर आने का नाम ही नहीं ले रही थी! नंदू मन ही मन सोचता है, क्यों न उसे आवाज देकर बता दूं कि मैं जा रहा हूं!  ल

सपनों की उड़ान- भाग 10/Sapno ki udaan hindi story

  सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 10) में आपका स्वागत है!   गेट से निकलते ही,,- आकाशीय बिजली, तमाम वातावरण को अपनी आगोश में समेट लेती है!कुछ देर के लिए यैसा प्रतीत होता है,जैसे एका-एक सूर्य अपने तेज रोशनी के साथ जग गया हो! दोनो एक दूसरे के सहारे, एक ही जगह पे सचेत दशा मे खड़े रहते हैं! रमेश बाबू--विनोद जी, जान पड़ता है तेज बारिश आने की संभावना है ,कुछ देर के लिए आप यहीं ठहर जाइए! कर्मचारी- ठहरने को तो ठहर जाते रमेश बाबू,लेकिन बिटिया घर पे अकेली है, डर रही होगी!अभी तो बूंदा-बांदी शुरू हुआ है,तेज होते होते मैं पहुंच जाऊंगा! इतना कहते हुए दोनों वहां से निकल पड़ते हैं!कर्मचारी अधेड़ उम्र से भी एक चरण आगे था!लेकिन चलने की गती जवान को भी मात दे रहा था!दोनों यैसे सरपट भागते जा रहे थे, जैसे किसी नदी का बांध टूट गया हो! अभी  कुछ दूर क्वार्टर बाकी ही था तभी आंधी की तेज झोंका, छाता लेकर  उड़ जाती है! और कुछ ही क्षणों में बारिश की बूंद,दोनों को अपने आगोश में समेट लेती है! कर्मचारी अपने दरवाजे पे पहुंचने से चार कदम पहले से ही शिखा को आवाज देता है! शिखा..ये शिखा.. !                शिखा दौड़कर दरवाजा

सपनों की उड़ान- भाग 9/Sapno ki udaan hindi story

सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 9) में आपका स्वागत है!  बादलों की गर्जना धीरे-धीरे बढ़ते जा रहा था! शायद बारिश आने की संदेश दे रहा था!  कर्मचारी- नंदू, शिखा डर रही होगी, अब मैं चलूंगा!  इतना कहते   हुऐ तनकर कर खड़ा हो जाता है! फिर नंदू की तरफ देखते हुए! अरे एक बात पूछना तो भूल ही गया , इस क्वार्टर का किराया कितना है! नंदू  किराया बताता है! कर्मचारी-मेरे बगल में  इससे सस्ता और बढ़िया क्वार्टर है!  यदि तुम चाहो तो बात किया जाए! नंदू-जी अंकल जी,  इससे बढ़िया होगा तो क्यों नहीं रहेंगे! कर्मचारी-तो फिर शुभ काम में देर किस बात की चलो मेरे साथ!  नंदू कर्मचारी के साथ चलने के लिए तैयार हो जाता है! नंदू मन ही मन सोचता है इतने दिनों बाद जा रहा हूं, शिखा के लिए कुछ लेकर जाना पड़ेगा!नहीं तो सोचेगी नौकरी भी लग गया फीर भी खाली हाथ आया है! नंदू-- अपने थैले से कुछ पैसे निकाल कर जेब में रख देता है! और फीर ! कर्मचारी के साथ चल देता है! नंदू रास्ते में मिठाई की दुकान देखकर,  मिठाई खरीदने लगता है! कर्मचारी- इसकी क्या जरूरत है ! नंदू बगैर जवाब दिए ,मिठाई ले लेता है! रास्ते में ढेर सारी बातें होती हैं! कुछ स

सपनों की उड़ान- भाग 8/Sapno ki udaan hindi story

  सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 8) में आपका स्वागत है! चार माह बीत चुके थे,नंदू के माता पिता विषाद की चादर में धीरे-धीरे लिपटते जा रहे थे, इधर कर्मचारी को  नंदू की यादें झकझोर रहा था,और अंत मे उन्होंने निश्चय किया कि आज नंदू से मिलने जाऊंगा!  कर्मचारी, ड्यूटी से आते वक्त सीधे नंदू के क्वाटर की तरफ चल देता है!लेकिन वहां नंदू नहीं मिलता है!कॉलोनी के लोगों से पूछने पर पता चलता है की,सेहत सही नहीं रहने के कारण वह बाहर क्वार्टर लेकर रहता है!कर्मचारी निराश होकर एक व्यक्ति से पूछता है!आपको पता है कि वह कहां रहता है ! कर्मचारी का प्रश्न निरुत्तर होकर वापस उसी के पास लौट आता है!दूसरे दिन कर्मचारी ड्यूटी से आते वक्त  कंपनी के गेट पर रुक कर नंदू का इंतजार करने लगता है!सभी कर्मचारी छुट्टी होते ही एक-एक करके बाहर निकलने लगते हैं!लेकिन नंदू कहीं नजर नहीं आता है!कर्मचारी अनिश्चित दशा में कुछ पल के लिए वहीं खड़ा रहता है!तभी एक गार्ड आकर उससे पूछता है, किसका इंतजार कर रहे हैं !कर्मचारी  बोलता है नंदू को, कार्ड मुस्काते हुए बोलता है - नंदू आज छुट्टी पर है, आप कल आईऐगा, कर्मचारी निराशा की गठरी सर पर ले

सपनों की उड़ान- भाग 7/Sapno ki udaan hindi story

सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 7) में आपका स्वागत  है!  शाम का समय, कर्मचारी अपना ड्यूटी खत्म करने के बाद ,फिर उसी कंपनी के दरवाजे पर आता है, जहां नंदू काम पर लगा होता है! नंदू छुट्टी होने के पश्चात कंपनी के बाहर बने चबूतरे पर बैठकर कर्मचारी का राह देख रहा होता है,कुछ ही क्षणों में कर्मचारी उसके पास पहुंचता है!  नंदू-कर्मचारी को देखते ही वहां से उठकर खड़ा हो जाता है!और बड़ी ही उत्सुकता पूर्वक.बोल पड़ता है! अंकल जी कंपनी के तरफ से मुझे रहने और खाने का प्रबंध किया गया है ! कर्मचारी-मुस्कुराते हुए वाह तब तो सोने पर सुहागा हो गया! लेकिन कंपनी का क्वार्टर है कहां? नंदू अपने जेब से एक कार्ड निकाल कर कर्मचारी को देता है और बोलता है ये तो आप ही को मालूम होगा ,यह कहां पर है !कर्मचारी अपने जेब से चश्मा निकालते हुए उस कार्ड को ध्यान से पढ़ने लगता है! पढ़ने के बाद नंदू से बोलता है! चलो मेरे साथ ये तो पास में ही है!कुछ दूर चलने के बाद कंपनी का  क्वार्टर आ जाता है!कर्मचारी गार्ड को नंदू सौंपते हुए वहां से आंखों में आंसू लेकर अपने क्वार्टर की तरफ तेजी से चल देता हैं!नंदू दोनों हाथ जोड़े ऐसे खड़ा था,