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     मैं रामू कुमार     ...

   आप तमाम भूमंडल वासियों तक. अपनी विचारधारा पहुंचाना चाहता हूं ,जो प्रकृति से ओतप्रोत हैं !जिसमें ना जाने कितने जीव शामिल हैं , मैं अपनी कहानी ,संवाद ,कविता ,नाटक, इत्यादी के माध्यम से उन तमाम सजीवों से रूबरू करवाना चाहता हूं ,जिससे बहुत से प्राणी अपरिचित हैं ,हमारे पर्यावरण में हो रही अनेकों कुप्रथाएं जो हमें रोज एक नई गलतियां करने को मजबूर करती हैं और हम जानते हुए भी यह गलत है ,,, लेकिन अनदेखा कर जाते हैं  -और उस दलदल में फंसते चले जाते हैं! जहां से चाहकर भी नहीं निकला जा सकता ?..                   

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सपनों की उड़ान- भाग 6/Sapno ki udaan hindi story

  सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 6) में आपका स्वागत है! सुबह का समय,, चिड़ियों की चहचहाहट सारे वातावरण में गूंज रही थी! सूरज बड़ी थाली के समान धीरे-धीरे ऊपर की ओर निकल रहे थे! कर्मचारी-नंदू को जगाता है! नंदूआंख मलते हुए उठता है, सीखा दरवाजे पर खड़ी होकर ब्रश कर रही थी,जब उसकी नजर नंदू पे पड़ता है,  बड़ा पजामा और कुर्ता देखकर खिलखिला कर हंस पड़ती हैं,नंदू शर्मा का सिर नीचे कर लेता है, कर्मचारी--नंदू जाओ फ्रेश होकर आओ,और कपड़े भी बदल लो,तुम्हारे कपड़े सूख गए होंगे,नंदू कपड़े बदल कर अपने आपको काफी हल्का महसूस कर रहा था,सुबह का नाश्ता करने के बाद कर्मचारी ,नंदू को लेकर बाहर की तरफ चल देता है!नंदू इधर-उधर ताकते हुए कर्मचारी के पीछे पीछे चलता रहता है!कुछ दूर चलने के बाद कर्मचारी एक बड़े से लोहे के दरवाजे के पास खड़ा हो जाता है!और फिर गार्ड रूम के तरफ बढ़ते हुए नंदू को वहीं ठहरने का अनुमति देता है!नंदू सिपाही के जैसे वही तन कर खड़ा हो जाता है!जैसे सीमा का रक्षा कर रहा हो!कर्मचारी  कर्मचारी ऑफिस में प्रवेश करता है,ऑफिस के अंदर एक वेटिंग हॉल बना होता है जिसमें कुछ- कुर्सियां लगी ...

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