आओ मिलकर गान करें हम
भक्ति रस का पान करें हम
बेसहारा दिया का जान बने हम
तिरंगा को सलाम करें हम
रास्ते पर पत्थर को देखो
कर्म हमारा उठाकर फेंको
मगर इंसान बना हैवान
ईश्वर को कहते बेईमान
भाई बना भाई का हत्यारा
धर्म छोड़कर अधर्म का प्यारा
पैसा वाले लगते न्यारा
गरीब के चेहरे पर बजते बारह
अच्छे काम कर के मरना
हर किसी के दिल में रहना
दुखों को हमेशा सहना
ऐसा करना पछताना वरना
हरियाली को रखना बरकरार
मित्रों से ना करना टकरार
ऐसा हमदर्द बन मेरे यार
मरने पर भी फूल चढ़े हजार
अपने पर गुमान ना कर. दूसरों को बदनाम ना कर
जहां मैं ऐसा काम तो कर
हमेशा ऊंचा रहेगा सर
विश्वास ना कभी डीगे यारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा
डिगते हुए का बने सहारा
हमारा भारत सबसे न्यारा : दुश्मनों को करे नौ दो ग्यारह
!!!!!!!! लेखक रामू कुमार. !!!!!!!!!
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