भारत मां के आंचल पर ना लगे कभी दाग
ए वतन के रखवाले खुद को बना लो आग
बड़े बुजुर्गों की माथे से कभी ना गिरे पाग
हर किसी के दिल में छलके बस ऐसी अनुराग
ए दोस्त यही है तुमसे अर्जी
मेरे सीमा लदाख पर दुश्मनों की ना मर्जी
चीन और पाकिस्तान को लगाएंगे कसके सर्दी
घूसखोर पुलिस वालों को उतारेंगे वर्दी
ए जवानों खुद को मत जलाना तुम क्रोध में
क्रोध आने पर सो जाना भारत मां की गोद में
अपने सीमा में आने वालों को मारो जोश मे
ऐसे ध्वस्त करो उसको कि आए कभी ना होश में
नए जवानों फोर डालो अन्याय की भांडा
जो हमारे देश को कर रहे हैं गंदा
बनो काफिरो का तुम मौत का फंदा
मेरे सीमा में लहरेगा मेरा तिरंगा झंडा
हे माँ बारंबार तुझे नमन
तेरी हिफाजत में चाहे कट जाए मेरी गर्दन
मेरा जान है हमेशा तुम पर अर्पणा
मेरा हर खुशी भारत मां के समर्पण
भारत मां की गोद की ऐसा बनेंगे फूल
रंग-बिरंगे चमणों में ऐसे खिलाएंगे गूल
दुश्मनों पर वार करने को बनेंगे त्रिशूल
भारत माँ की यादें यारों कभी नहीं तुम भूल
!!!!!!! लेखक रामू कुमार !!!!!!
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