जीवन के अनेक रंगों में,
हमने भी रंग मिलाया है।
ना तेल मिला ना मिला है बाती,
पानी में दिया जलाया है।
,,,,,,,
कुछ कर जाने की जज्बा,
मन में जब दौड़ लगाती है।
तभी पुरानी यादों की पहलू
मन मस्त मगन मुस्काती है।
,,,,,,,
जीने की तमन्ना सदियों से हैं,
जिंदगी रास ना आती है।
कुछ कर जाएंगे मर जाएंगे,
यही उपहास सताती है।
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ना चांद रहा आसमानों में,
तारे भी छुप कर बैठ गए।
मन व्याघ्र भंवरों में गोता लगा कर,
कुछ पल में ही बैठ गए।
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आंखों की नमी सहारे,
हमने भी राते काट दिए।
सुबह होते ही पन्ने पर लिखकर,
सब दोस्तों में बांट दिए।
।।।।। लेखक रामू कुमार।।।।।
हमने भी रंग मिलाया है।
ना तेल मिला ना मिला है बाती,
पानी में दिया जलाया है।
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कुछ कर जाने की जज्बा,
मन में जब दौड़ लगाती है।
तभी पुरानी यादों की पहलू
मन मस्त मगन मुस्काती है।
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जीने की तमन्ना सदियों से हैं,
जिंदगी रास ना आती है।
कुछ कर जाएंगे मर जाएंगे,
यही उपहास सताती है।
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ना चांद रहा आसमानों में,
तारे भी छुप कर बैठ गए।
मन व्याघ्र भंवरों में गोता लगा कर,
कुछ पल में ही बैठ गए।
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आंखों की नमी सहारे,
हमने भी राते काट दिए।
सुबह होते ही पन्ने पर लिखकर,
सब दोस्तों में बांट दिए।
।।।।। लेखक रामू कुमार।।।।।
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