सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 14) में आपका स्वागत है! (शाम का समय) आकाशीय बिजली भौतिक बिजली पर विजय प्राप्त कर लिया था! मोती समान बारिश की बूंद ,तमाम वातावरण को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी! नंदू..एकाएक उठ कर बैठ जाता है! और कमरे में पसरा अंधेरा देख कर , बड़ी-बड़ी आंखें करके इधर उधर देखने, लगता है! कुछ भी नजर नहीं आने पर !उसकी चेतना अथाह डरावनी समुंदर में गोता लगाने लगता है! तभी अचानक जोर की बिजली चमकती है!और कुछ समय के लिए सारा कमरा उजाला से भर जाता है!और जब तक वह कुछ देख पाता , फिर से अंधेरा हो जाता है! उसके कलाई की घड़ी मे रेडियम होने की वजह से कुछ देर के लिए चमकते रहता है!वह समय देखता है!और उसी घड़ी के सहारे मोमबत्ती जलाता है!और फिर मन ही मन सोचता है !इतनी तेज तूफान में मैं सीखा के यहां कैसे जाऊं? और वह भी तो नहीं आ सकती हैं! वह इसी सोच मे डूबा रहता है तभी!अचानक दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है!नंदू अपना हाथ पैर समिट कर चौकड़ी मारकर बैठ जाता है!फिर दोबारा दरवाजा खड़कती है!नंदू...
मैं अपनी विचारधारा, उन तमाम लोगों तक पहुंचाना चाहता हूँ । जो हमें एक नई दिशा की ओर अग्रसर करें। मैं अपनी कविता कहानी संवाद इत्यादि के माध्यम से , ओ मंजील हासिल करना चाहता हूं जहां पहुंचकर हमें, अत्यंत हर्ष प्रतीत हो।